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समझने के लिए बहुत कुछ हैं चाहता कोई नहीं हिन्दीकविता hindikavita putinwords खुद को बदलना नहीं कोई आपसा पत्थर सब ऐसी रीत नहीं

Hindi पर कोई समझना नहीं चाहता..... Poems